Wednesday 29 July 2015

राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान, 2014-15

केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 के लिए स्थिर मूल्यों (2011-12) एवं चालू मूल्यों पर राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान (Provisional Estimates) 29 मई, 2015 को जारी किए गए। इसमें वर्ष 2014-15 में आर्थिक वृद्धि दर के 7.3 प्रतिशत रहने का आकलन व्यक्त किया गया है जबकि 9 फरवरी, 2015 को जारी अग्रिम अनुमानों (Advance Estimates) में इसके 7.4 प्रतिशत रहने का आकलन था। वर्ष 2014-15 के राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान कृषिगत एवं औद्योगिक उत्पादन के नवीनतम आकलनों, सरकारी व्यय तथा मुख्य क्षेत्रकों यथा-रेलवे, रेलवे-भिन्न परिवहन, संचार, बैंकिंग एवं बीमा आदि के अब तक उपलब्ध निष्पादन आंकड़ों के संशोधित अनुमान पर आधारित हैं। इन अनुमानों के प्रमुख बिंदुओं को अग्रलिखित शीर्षकों के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया है- केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत ‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 के लिए स्थिर मूल्यों (2011-12) एवं चालू मूल्यों पर राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान (Provisional Estimates) 29 मई, 2015 को जारी किए गए। 30 जनवरी, 2015 को नए आधार वर्ष 2011-12 को लागू किए जाने के बाद इस पर आधारित यह पहला अनंतिम अनुमान है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले आधार वर्ष 2004-05 था, जिसे जनवरी, 2010 में जारी किया गया था। वित्तीय वर्ष 2014-15 के अनंतिम आकलनों के अनुसार अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण सूचक बिंदु [I] सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वर्ष 2014-15 के अनंतिम अनुमानों (Provisional Estimates-P.E.) के अनुसार स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद 10643983 करोड़ रुपये है। यह गत वर्ष 2013-14 (प्रथम संशोधित अनुमान-First Revised Estimates-Ist R.E.) की तुलना में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है। चालू कीमतों पर वर्ष 2014-15 (P.E.) में सकल घरेलू उत्पाद 12541208 करोड़ रुपये आकलित है। यह गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में चालू कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद 11345056 करोड़ रुपये था। [ii] शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) स्थिर कीमतों पर शुद्ध घरेलू उत्पाद वर्ष 2014-15 (P.E.) में 9519811 करोड़ रुपये आकलित है। यह वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि को व्यक्त करता है। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में स्थिर कीमतों पर शुद्ध घरेलू उत्पाद 8872127 करोड़ रुपये था। चालू कीमतों पर शुद्ध घरेलू उत्पाद वर्ष 2014-15 (P.E.) में 11274915 करोड़ रुपये आकलित है। यह पिछले वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 10.6 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष 2013-14 में शुद्ध घरेलू उत्पाद 10196410 करोड़ रुपये था। [iii] सकल राष्ट्रीय आय (GNI) स्थिर कीमतों पर सकल राष्ट्रीय आय वर्ष 2014-15 (P.E.) में 10513163 करोड़ रुपये आकलित है। इसमें वर्ष 2014-15 में 7.3 प्रतिशत वृद्धि का आकलन है जो वर्ष 2013-14 (प्रथम संशोधित अनुमान) में 6.8 प्रतिशत थी। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में स्थिर कीमतों पर सकल राष्ट्रीय आय 9800813 करोड़ रुपये था। चालू कीमतों पर वर्ष 2014-15 में सकल राष्ट्रीय आय का 12383908 करोड़ रुपये तक रहने का अनंतिम अनुमान है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। विगत वर्ष 2013-14(Ist R.E.) में चालू कीमतों पर सकल राष्ट्रीय आय 11205169 रुपये थी। [iv] शुद्ध राष्ट्रीय आय (NNI) स्थिर कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय आय (Net National Income) का वर्ष 2014-15 में 9388992 करोड़ रुपये तक रहने का अनंतिम अनुमान है। यह पिछले वर्ष 2013-14 (IstR.E.) की तुलना में इसमें 7.2 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है। पिछले वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में स्थिर कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय आय 8751834 करोड़ रुपये थी। चालू कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय आय वर्ष 2014-15 (P.E.) में 11117615 करोड़ रुपये रहने का आकलन है। इसमें पिछले वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में चालू कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय आय 10056523 करोड़ रुपये थी। [v] प्रति व्यक्ति आय (PCI) स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income अर्थात Per Capita NNI) वर्ष 2014-15 (P.E.) में 74104 रुपये अनुमानित है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 5.9 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 69959 रुपये थी। चालू कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2014-15 (P.E.) में 87748 रुपये आकलित है जो कि गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में चालू कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 80388 रुपये थी। [vi] आधारभूत कीमतों पर सकल मूल्य संवर्द्धन [Gross Value Added (GVA) at Basic Prices ] स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारभूत कीमतों पर सकल मूल्य संवर्द्धन (GVA) वर्ष 2014-15 (P.E.) में 9827089 करोड़ रुपये आकलित है। यह गत वर्ष (2013-14) की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि को व्यक्त करता है। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में यह 9169787 करोड़ रुपये था। चालू मूल्यों पर आधारभूत कीमतों पर सकल मूल्य संवर्द्धन वर्ष 2014-15 (P.E.) में 11550240 करोड़ रुपये आकलित है। यह पिछले वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) की अपेक्षा 10.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। गत वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में यह 10477140 करोड़ रुपये था। सकल घरेलू उत्पाद पर व्यय का वार्षिक अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आर्थिक गतिविधियों द्वारा सकल घरेलू उत्पाद का अनंतिम अनुमान (Provisional Estimates) जारी करने के साथ-साथ स्थिर कीमतों (2011-12) तथा चालू कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद पर व्ययों का अनुमान भी जारी किया है। [i] निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE) चालू कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE-Private Final Consumption Expenditure) वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) के 6772066 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2014-15 (P.E.) में 7534239 करोड़ रुपये रहने का आकलन है। स्थिर कीमतों (2011-12) पर PFCE वर्ष 2014-15 (P.E.) में 6064247 करोड़ रुपये के स्तर पर अनुमानित है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में 5704132 करोड़ रुपये था। GDP के संदर्भ में वर्ष 2014-15 (P.E.) में PFCE की दर चालू एवं स्थिर कीमतों (2011-12) पर क्रमशः 60.1 प्रतिशत और 57.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में क्रमशः 59.7 प्रतिशत तथा 57.5 प्रतिशत के स्तर पर था। [ii] सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (GFCE) चालू कीमतों पर सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (GFCE : Government Final Consumption Expenditure) वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में 1277467 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2014-15 (P.E.) में 1432070 करोड़ रुपये रहने का आकलन है। स्थिर कीमतों (2011-12) पर GFCE का अनुमान वर्ष 2014-15 (P.E.) में 1157810 करोड़ रुपये लगाया गया है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) 1086121 करोड़ रुपये के स्तर पर था। जीडीपी के संदर्भ में वर्ष 2014-15 (P.E.) में GFCE की दर चालू एवं स्थिर कीमतों पर क्रमशः 11.4 प्रतिशत तथा 10.4 प्रतिशत अनुमानित है जो कि वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में क्रमशः 11.3 प्रतिशत तथा 10.9 प्रतिशत के स्तर पर था। [iii] सकल नियत पूंजी निर्माण (GFCF) चालू कीमतों पर सकल नियत पूंजी निर्माण GFCF : Gross Fixed Capital Formation) वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में 3367856 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2014-15 (P.E.) में 3602121 करोड़ रुपये आकलित किया गया है। स्थिर कीमतों पर GFCF वर्ष 2014-15 (P.E.) में 3191973 करोड़ रुपये अनुमानित है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में 3050236 करोड़ रुपये के स्तर पर था। GDP के संदर्भ में वर्ष 2014-15 (P.E.) में GFCF चालू एवं स्थिर कीमतों पर क्रमशः 28.7 प्रतिशत तथा 30 प्रतिशत अनुमानित है जो वर्ष 2013-14 (Ist R.E.) में क्रमशः 29.7 प्रतिशत तथा 30.7 प्रतिशत रहा था। वर्ष 2014-15 के राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान में क्षेत्रवार आधारभूत कीमतों पर सकल मूल्य संवर्धन (GVA at Basic Price) में वृद्धि दरें क्षेत्र स्थिर कीमतों पर आधार वर्ष (2011-12) चालू कीमतों पर 1. कृषि, वानिकी एवं मात्स्यिकी 0.2 4.4 2. खनन एवं उत्खनन 2.4 -7.6 3. विनिर्माण 7.1 9.7 4. बिजली, गैस एवं जलापूर्ति तथा अन्य सेवाएं 7.9 14.1 5. निर्माण 4.8 6.9 6. व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएं 10.7 13.3 7. वित्त, स्थावर संपदा व व्यावसायिक सेवाएं 11.5 14.3 8. लोक प्रशासन, रक्षा व अन्य सेवाएं 7.2 13.7 आधारभूत कीमतों पर स.मू.व. में वृद्धि दर 7.2 10.2

द्वितीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति, 2015-16

द्वितीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति, 2015-16 मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था में तरलता (Liquidity), साख की उपलब्धता, निवेश, मूल्य स्तर, रोजगार तथा उत्पादन को प्रभावित करती है। मौद्रिक नीति बाजार में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करने के साथ ही यह तय करती है कि रिजर्व बैंक किस दर पर बैंकों को कर्ज देगा या फिर किस दर पर उन बैंकों से पैसा वापस लेगा। मौद्रिक नीति को भारतीय रिजर्व बैंक अपने केंद्रीय बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर तय करता है। इस बोर्ड में जाने-माने अर्थशास्त्री, उद्योगपति और नीति-निर्माता शामिल होते हैं। इसके लिए रिजर्व बैंक समय-समय पर भारत सरकार के आर्थिक विभागों से सलाह-मशविरा करता है, लेकिन अंतिम निर्णय रिजर्व बैंक ही लेता है। विकसित देशों में समय-समय पर जो मौद्रिक नीति उनके केंद्रीय बैंकों द्वारा घोषित की जाती है, उसका लक्ष्य मुद्रास्फीति की दर को निम्न स्तर पर बनाए रखना है। भारत और अन्य अनेक विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों के दो लक्ष्य होते हैं-मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और विकास को गति देना। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर भारतीय रिजर्व बैंक ने अब प्रत्येक दो माह पर मौद्रिक नीति की घोषणा करनी शुरू की है। 2 जून, 2015 को जारी द्वैमासिक मौद्रिक नीति इसी शृंखला की आठवीं तथा वर्तमान वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी घोषणा है। खाद्य मुद्रास्फीति के चार माह के निचले स्तर पर पहुंचने, औद्योगिक उत्पादन में असमान रूप से सुधार होने तथा चलनिधि की स्थिति में हुए सुधार के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने इस दूसरी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कुछ बदलाव किए हैं। वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के महत्त्वपूर्ण अंश आगे प्रस्तुत हैं- 2 जून, 2015 को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम जी. राजन द्वारा ‘द्वितीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2015-16’ (Second Bi-Monetary Policy Statement, 2015-16) जारी किया गया। समीक्षा में लिए गए निर्णयों के अनुसार-‘चलनिधि समायोजन सुविधा’ (LAF-Liquidity Adjustment Facility) के अंतर्गत रेपो दर में तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंकों की कमी करते हुए इसे 7.50 प्रतिशत से घटाकर 7.25 प्रतिशत कर दिया गया। इसी कटौती के चलते इस पर आधारित कुछ अन्य दरों में भी स्वतः परिवर्तन हो गए। एलएएफ (LAF) के तहत, चूंकि रिवर्स रेपो दर, रेपो दर से 100 अंक नीचे होती है। अतः इसे भी 6.50 प्रतिशत से 25 आधार अंक कम कर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया। ‘सीमांत स्थायी सुविधा दर’ (MSF-Marginal Standing Facility Rate) का निर्धारण रेपो दर से 100 आधार ऊपर होता है। अतः यह भी 8.50 प्रतिशत से घटकर 8.25 प्रतिशत हो गया। चूंकि बैंक दर एमएसएफ (MSF) दर के समतुल्य होती है, अतः यह भी पुनर्संयोजित होकर 8.25 प्रतिशत हो गई। अनुसूचित बैंकों के ‘नकद आरक्षित अनुपात’ (CRR-Cash Reserve Ratio) को अपरिवर्तित रखते हुए इसे ‘निवल मांग और मियादी देयताओं’ (NDTL : Net Demand and Time Liabilities) के 4.0 प्रतिशत पर रखा गया है। बैंकिंग तंत्र में नकदी की स्थिति में सुधार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने कॉल मनी (1 दिन के लिए निधियां उधार लेने अथवा देने) में ‘तरलता समाशोधन सुविधा’ (LAF) के तहत बैंकों की शुद्ध निवल मांग और सावधिक देनदारियां (Net Demand and Time Liabilities-NDTL) को 0.25 प्रतिशत पर जारी रखा गया है। साथ ही 14 दिन की मियादी रेपो सीमा को एनडीटीएल के 0.75 प्रतिशत पर सीमित रखा गया है। इस मौद्रिक नीति वक्तव्य के अनुसार जनवरी, 2016 तक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति का 6 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है जो अप्रैल में किए गए अनुमानों से थोड़ा अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान चालू खाता घाटे का स्तर GDP के 1.5 प्रतिशत तक रहने की संभावना है। वर्ष 2015-16 के लिए अनुमानित उत्पाद संवृद्धि दर को अप्रैल के पूर्वानुमानित 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया है। नवीनतम दरें (2 जून, 2015 से) बैंक दर – 8.25 प्रतिशत सीआरआर – 4 प्रतिशत रेपो दर – 7.25 प्रतिशत एसएलआर – 21.5 प्रतिशत रिवर्स रेपो दर – 6.25 प्रतिशत आधार दर – 9.75-10.00 प्रतिशत एमएसएफ दर – 8.25 प्रतिशत सावधि जमा दर – 8.00-8.50 प्रतिशत

अपूर्वा : मुर्राह भैंस की क्लोन कटड़ी

अपूर्वा : मुर्राह भैंस की क्लोन कटड़ी

किसी भी जीव का प्रतिरूप बनाना ही क्लोनिंग कहलाता है। क्लोन एक ऐसी जैविक रचना है, जो मात्र जनक (माता या पिता) से गैर-लैंगिक विधि द्वारा उत्पादित होती है। क्लोन शारीरिक एवं आनुवांशिक रूप से अपने जनक के पूर्णतः समरूप होता है। क्लोनिंग को लेकर भारत में शोधकर्ताओं का उद्देश्य पूरी तरह स्पष्ट है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मवेशियों की क्लोनिंग से उच्च कोटि की नस्लें उत्पन्न की जा सकेंगी और वह भी बिना किसी आनुवांशिक गुण की हानि के। इस क्लोनिंग का सबसे बड़ा फायदा डेयरी क्षेत्र को होगा और लंबे समय तक दूध देने वाली अच्छी नस्ल की भैंसों की संख्या में वृद्धि हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि विश्व भर में भारत में भैंसों की संख्या सबसे अधिक है जो देश के कुल दूध उत्पादन में 55 प्रतिशत का सहयोग कर रही हैं लेकिन अच्छी नस्ल की भैंसों की संख्या सीमित है और इसे तुरंत तेजी से बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

  • 5 फरवरी, 2015 को करनाल स्थित 'राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान' (NDRI) के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग के जरिए एक 'कटड़ी' (Female Calf) का जन्म कराने में सफलता प्राप्त की है।
  • 'हस्त-निर्देशित क्लोनिंग तकनीक' (Hand-guided Cloning Technique) के माध्यम से उत्पन्न इस क्लोन कटड़ी का नाम 'अपूर्वा' (APURVA) रखा गया है।
  • इस कटड़ी का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ और जन्म के समय इसका वजन लगभग 37 किग्रा. था।
  • यह नवजात कटड़ी एनडीआरआई के पशुधन फार्म की मुर्राह नस्ल की भैंस (MU-5345) की क्लोन है।
  • उल्लेखनीय है कि एनडीआरआई के वैज्ञानिकों ने जिस भैंस के कान से कोशिकाएं लेकर 2 मई, 2014 को 'लालिमा' नामक क्लोन कटड़ी का जन्म कराया था, उसी भैंस के मूत्र (Urine) से 'दैहिक कोशिकाओं' (Somatic Cells) को अलग कर अपूर्वा को विकसित किया है।
  • यह विश्व में मूत्र से ली गई दैहिक कोशिकाओं के माध्यम से क्लोन कटड़ी के विकास का पहला मामला है।
  • उल्लेखनीय है कि जिस भैंस से कोशिकाओं को पृथक कर अपूर्वा नामक क्लोन विकसित किया गया है, उसने अपने तीसरे 'दुग्ध-काल' (Lactation Period) के दौरान 305 दिन के सामान्य काल में 2713 किग्रा. तथा 471 दिन के कुल स्तनपान काल में 3494 किग्रा. कुल दूध का उत्पादन किया था।

हस्त निर्देशित क्लोनिंग तकनीक

राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित हस्त निर्देशित क्लोनिंग तकनीक पारंपरिक क्लोनिंग तकनीक का उन्नत रूप है। इस तकनीक में अंडाशय से अपरिपक्व अंडे लेकर प्रयोगशाला में उन्हें परिपक्व किया जाता है। तत्पश्चात उनकी ऊपरी परत उतार कर उन्हें एंजाइम से उपचारित किया जाता है ताकि बाहरी परत 'जोना पेलुसिडा' (Zona pellucida) घुल जाए। फिर इन्हें रसायनों से उपचारित किया जाता है ताकि आनुवांशिक सामग्री एक जगह इकट्ठी हो सके। इस हिस्से को फिर हस्त द्वारा धारदार ब्लेड से काटकर मूल आनुवांशिक सामग्री को अलग किया जाता है। इन अंडों को भ्रूणीय स्टेम कोशिकाओं में से एकल कोशिका लेकर इलेक्ट्रोफ्यूज करके प्राप्त भ्रूणों का संवर्धन एवं विकास प्रयोगशाला में 6 से 7 दिनों तक किया जाता है ताकि ये 'ब्लास्टोसिस्ट की अवस्था' (Blastocyst Stage) तक आ सकें। इन ब्लास्टोसिस्ट का प्राप्तकर्ता भैंसों में स्थानांतरण करके ही क्लोन का जन्म कराया जाता है।

CABINET APPROVES AMENDMENTS IN MOTOR VEHICLE ACT [ GS 2 ]

The cabinet today approved the Motor vehicle(Amendment) bill 2016. The bill increases the penalty for drunken driving by five times and pro...